Government Schemes for Animal Husbandry in India 2025 : भारत में पशुपालन के लिए सरकारी योजनाएं 2025भारत में कृषि के साथ-साथ पशुपालन भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है। पहले किसान केवल खेती पर निर्भर रहते थे, लेकिन अब वे पशुपालन को अतिरिक्त आय के स्रोत के रूप में अपना रहे हैं। दूध, मांस, अंडे और अन्य पशु-उत्पादों की बढ़ती मांग ने इस क्षेत्र को और भी संभावनाशील बना दिया है। इसी को देखते हुए भारत सरकार ने पशुपालकों की आय बढ़ाने, पशु स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने, डेयरी क्षेत्र को सशक्त करने और ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं।
इन योजनाओं का लाभ गाय, भैंस, बकरी, मुर्गी, भेड़, सूअर आदि का पालन करने वाले पशुपालक उठा सकते हैं। इस लेख में हम सभी प्रमुख सरकारी योजनाओं, उनके उद्देश्य, लाभ, पात्रता और आवेदन प्रक्रिया को विस्तार से समझेंगे।
पशुपालन के महत्व को क्यों समझना जरूरी है?
भारत में पशुपालन का योगदान:
- ग्रामीण इलाकों की 30% से 40% आबादी किसी न किसी रूप में पशुपालन से जुड़ी है।
- दूध उत्पादन में भारत विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
- औसतन किसानों की कुल आय का 20-25% हिस्सा पशुपालन से आता है।
- पशुपालन से महिलाओं की आर्थिक भागीदारी और ग्रामीण रोजगार दोनों में वृद्धि होती है।
पशुपालन योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- पशुपालकों को आधुनिक तकनीक और संसाधन उपलब्ध कराकर आय में वृद्धि करना।
- रोजगार के नए अवसर पैदा करना।
- देशी नस्लों का संरक्षण और उत्पादकता में सुधार।
- वैज्ञानिक पद्धतियों से पशु स्वास्थ्य और पोषण को बढ़ावा देना।
- डेयरी और मीट प्रोसेसिंग सेक्टर को बाजार से बेहतर जोड़ना।
पशुपालन के लिए कौन सी योजना चल रही है?
आइये जानते है कौनसी वे 7 Government Schemes for Animal Husbandry in India 2025 चल रही हैं :
1. राष्ट्रीय गोकुल मिशन (National Gokul Mission)
उद्देश्य:
2014 में शुरू हुई इस योजना का मकसद देशी गाय और भैंस की नस्लों का संरक्षण और दूध उत्पादन में वृद्धि करना है। यह मिशन उन्नत नस्ल सुधार, कृत्रिम गर्भाधान और आधुनिक प्रजनन तकनीकों को बढ़ावा देता है।
मुख्य लाभ:
- देशी नस्लों में सुधार और दूध उत्पादन क्षमता में वृद्धि।
- पशुपालकों को बीमा और तकनीकी प्रशिक्षण।
- ग्रामीण क्षेत्रों में डेयरी सेक्टर में रोजगार के अवसर।
- प्रजनन केंद्र और नस्ल सुधार इकाइयों की स्थापना।
पात्रता:
- छोटे, सीमांत और मध्यम वर्ग के पशुपालक।
- पंजीकरण के लिए स्थानीय सरकारी पशुपालन केंद्र से संपर्क करें।
2. Rashtriya Pashudhan Vikas Yojana
उद्देश्य:
पशुधन क्षेत्र का सतत विकास करना और पशुपालकों को व्यवसायिक रूप से सक्षम बनाना। योजना पशु स्वास्थ्य, चारा उपलब्धता, जैव-सुरक्षा और बाजार पहुंच में सुधार लाती है।
मुख्य लाभ:
- मुफ्त टीकाकरण और रोग रोकथाम सेवाएं।
- वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम।
- पशु बीमारियों की रोकथाम के लिए जैव सुरक्षा उपाय।
- बाजार में पशु उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा।
पात्रता:
- पशुपालक को FPO (Farmer Producer Organization) से पंजीकृत होना चाहिए।
- मुर्गी, भेड़, बकरी, सूअर पालन में रुचि आवश्यक।
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3. डेयरी उद्यमिता विकास योजना (Dairy Entrepreneurship Development Scheme – DEDS)
उद्देश्य
योजना का मुख्य उद्देश्य नए डेरी उद्यमियों को प्रोत्साहन देना है।इस योजना के तहत भारत सरकार डेयरी के क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा दे रही है। यह योजना पशुपालन डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है।
लाभ
घटक | सब्सिडी (SC/ST) | सब्सिडी (अन्य) |
2 गाय/भैंस | 33% | 25% |
दूध शीतक | 33% | 25% |
पशु आहार इकाई | 33% | 25% |
आवेदन प्रक्रिया
- आवेदक NABARD पोर्टल के माध्यम से अपना ऑनलाइन फार्म भर सकते हैं
- इस योजना के ज़रिये बैंक में भी लोन के लिए आवेदन दे सकते हैं
4.पशु आरोग्य मेला योजना
उद्देश्य:
पशुओं को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं और परामर्श उपलब्ध कराना।
मुख्य लाभ:
- हर जिले में साल में दो बार आरोग्य मेला।
- टीकाकरण, रक्त परीक्षण और परामर्श।
- पशु पोषण और प्रबंधन की जानकारी।
5. राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम (National Artificial Insemination Programme)
उद्देश्य:
उच्च गुणवत्ता वाले सीमन स्ट्रॉ के माध्यम से पशुधन की नस्ल और दूध उत्पादन में सुधार।
मुख्य विशेषताएं:
- हर ब्लॉक में AI (Artificial Insemination) केंद्र।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता और उत्पादकता में वृद्धि।
6.पशुधन बीमा योजना (Livestock Insurance Scheme)
उद्देश्य:
पशुपालकों को पशु मृत्यु या बीमारी से होने वाले नुकसान से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना।
लाभ:
- प्रति पशु ₹60,000 तक बीमा कवर।
- प्रीमियम पर 75% सरकारी सब्सिडी।
7. Animal Husbandry Infrastructure Development Fund (AHIDF)
उद्देश्य:
डेयरी, मीट प्रोसेसिंग और चारा उत्पादन में निजी निवेश को बढ़ावा देकर मजबूत बुनियादी ढांचा तैयार करना।
लाभ:
- ब्याज सब्सिडी।
- दूध चिलिंग प्लांट, पैकेजिंग यूनिट, कोल्ड चेन, मीट प्रोसेसिंग यूनिट में निवेश का अवसर।
आवेदन प्रक्रिया:
- https://ahidf.udyamimitra.in/ पोर्टल पर पंजीकरण।
- प्रोजेक्ट रिपोर्ट के साथ बैंक में आवेदन।
क्षेत्र | निवेश के प्रकार |
दूध प्रोसेसिंग | दूध चिलिंग प्लांट, पैकेजिंग यूनिट |
चारा उत्पादन | हाई क्वालिटी पशु चारा यूनिट |
लॉजिस्टिक्स | कोल्ड चेन, रेफ्रिजरेटर वैन |
मीट प्रोसेसिंग | कटाई, प्रोसेसिंग, स्टोरेज यूनिट |
📌 निष्कर्ष:
पशुपालन भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास की रीढ़ है। 2025 में शुरू हुई ये सभी सरकारी योजनाएं न केवल पशुपालकों की आय बढ़ाने में मदद करेंगी, बल्कि ग्रामीण रोजगार, महिला सशक्तिकरण और खाद्य सुरक्षा को भी मजबूत बनाएंगी। सही जानकारी और समय पर आवेदन के जरिए कोई भी पात्र पशुपालक इन योजनाओं का लाभ उठा सकता है।
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